पायजामें से फ‍िट रखें दिल

पायजामें से फ‍िट रखें दिल

सेहतराग टीम

शोधकर्ताओं ने एक ऐसा कपड़ा बनाया है जिसके ‘पायजामा’ रूपी परिधान को पहनने से उसमें लगाये गये उपकरणों की मदद से सोते समय आपकी हृदय गति और श्वसन प्रणाली पर नजर रखी जा सकेगी।

अमेरिका के ‘मैसाचुसेट्स एमहेर्स्ट विश्वविद्यालय’ के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस कपड़े से सोने के समय पहनने वाले कपड़े बनाए जा सकते हैं, जो नैदानिक रूप से स्वास्थ्य के लिए उपयोगी साबित होगा।

मेटेरियल केमिस्ट प्रोफेसर तृशा एल एंड्रू ने कहा, ‘सबसे बड़ी चुनौती हमारे लिए यह थी कि कैसे कपड़े की सुंदरता बदले बिना उससे उपयोगी संकेत प्राप्त किए जाएं।’

एंड्रू ने कहा, ‘आमतौर पर, लोगों को लगता है कि ‘स्मार्ट टेक्सटाइल’ का मतलब तंग कपड़ों से है जिसमें शारीरिक संकेतों को मापने के लिए विभिन्न सेंसर हों, लेकिन स्पष्ट रूप से रोजमर्रा के कामकाज के लिए ऐसे कपड़े नहीं पहने जा सकते, विशेष रूप से रात को सोते समय।’

कम्प्यूटर वैज्ञानिक दीपक गणेशन ने कहा, ‘हमारा मानना था कि रात के कपड़े भले ही ढीले-ढाले पहने जाएं, लेकिन फिर भी सोने के तरीके की वजह से कपड़ा हमारे शरीर के हिस्सों को छूता ही है।’ गणेशन ने कहा कि पेट के कुर्सी या पलंग को छूने, हाथ को सिर के नीचे दबाकर सोने आदि से यह सम्पर्क स्थापित होते हैं।

ऐसे समय में कपड़े पर जो दबाव बनता है, उससे दिल की धड़कन और श्वसन प्रणाली पर नजर रखी जा सकती है, जिसका इस्तेमाल ‘फिजियोलॉजिकल वैरियेबल्स’ (शारीरिक रूप से प्रभावित करने वाले मानकों) को निकालने के लिए भी किया जा सकता है। ‘फिजियोलॉजिकल’ शब्द की वजह से इस पायजामा को अध्ययनकर्ताओं ने ‘फिजामा’ नाम दिया है।

गणेशन के सहकर्मियों ने बताया कि उनकी टीम को इस कल्पना को वास्तविक रूप देने के लिए कई चीजों पर विचार करना पड़ा। उनकी टीम ने एक ऐसा ‘फैब्रिक आधारित प्रेशर सेंसर’ (कपड़ा आधारित दबाव सेंसर) बनाया है, जो शारीरिक रूप से सम्पर्क में आने के बाद ही सक्रिय हो जाता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा पीढ़ी को इस तरह के काम के लिए ‘स्मार्टवॉच’ पसंद आती है लेकिन अकसर बुजुर्ग लोग तो उसे पहनना ही भूल जाते हैं, जबकि रात के कपड़े पहनना तो दैनिक जीवन का एक हिस्सा है।

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